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Anju Motwani

Others

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Anju Motwani

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अब

अब

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बजती है उम्मीदों की डुगडुगी दिल के द्वार 

अब तमाशा दिखाने को है मदारी तैयार  


करतब नये नये, पैंतरे नये नये, भीड़ है बेताब 

तालियों की गड़गड़ाहट पर बिकते हैं ख़्वाब 

जान पर खेलता जब जांबाज कलाकार 

अब तमाशा दिखाने को है मदारी तैयार  


ऊँचे सपनों के झूले पर झूलता, पग पग संभलता 

बंजारों सा जीवन गठरी में संग लिये चलता 

मंज़िल अनजानी, पड़ाव का है कब से इंतज़ार 

अब तमाशा दिखाने को है मदारी तैयार  


ना जाने कब, कौन सा खेल अंतिम बन जाये 

कौन से घड़ी, घड़ी की टिक टिक रुक जाये

बांध लो बोरिया बिस्तर, है किसका इंतज़ार 

अब तमाशा दिखाने को है मदारी तैयार


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