STORYMIRROR

Anju Motwani

Romance

3  

Anju Motwani

Romance

चाल

चाल

1 min
204

ये वक्त चाल हमको भी चलना सिखा गया 

नादां थे हम सयाना सा हमको बना गया।


क्या था पता कि होते हैं सौदे दिलों के भी 

ये वक़्त आईने सा ही सूरत दिखा गया। 


दिल की ज़मीं को अश्कों की अब मिल गयी नमी 

 कल तक था जो अज़ीज पराया बना गया।  


जीने का शौक था कभी अब जिंदगी खफा 

ये वक्त अपने खेल दिखा कर चला गया।


अक्सर ही जुगनू यादों के 'अंजू 'जगे रहे 

नींदों पे जैसे कोई तो पहरा लगा गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance