STORYMIRROR

Shubham Pandey gagan

Abstract

4  

Shubham Pandey gagan

Abstract

माँ

माँ

1 min
367

जब मैं धरती पर आया

पहली बार तुमको देखा

बिल्कुल दिखती हो भगवान जैसी

मां नाम तुमको सबने दिया


मेरी सारी दुनिया माँ

तेरी गोदी में बसी रही

जब तक न चलने लगा

तेरी गोदी में जगह मिली


जब चल पड़े पावँ मेरे

तेरी उंगली ने सहारा दिया

मेरे सारे दुःख और मुश्किलें

तेरे आँचल के आगे हार गए


तुम हो ममता की मूरत

तुझमे ही है दुनिया मेरी

तुझसे मेरी पहचान है मां


बस बन जाये कभी

मेरी वजह से पहचान तेरी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract