माँ
माँ
"माँ" प्यारी माँ ,
तू धरातल,
तू दूरी,
तू प्रहरी,
तू ग्रहणी,
तू मेरे मन मंदिर की सूरत माँ,
खुशियों का खजाना, मेरा आशियाना, घर का आगमन माँ
बागों में हरियाली,
खेतों में लहराती फसलें,
गर्मी ,
बारिश ,
ठंड,
ऊर्जा सूक्ष्म सी मेरे हर जीवन की रक्षा करती है माँ
पल पल हर घड़ी
ऊर्जा जीवन की मेरे भर देती है माँ
आशाओं की आशा, उज्ज्वल भविष्य की करती कामना माँ
अनंत,
अपार, स्नेह, सी कोमल हृदय चंचल सी गहरी सांसों में बसी छवि तेरी मेरी प्यारी माँ
क्या लिखूं.?
क्या ना लिखूं.?
प्रकृति का दर्पण ,
हृदय का अर्पण ,
जीवन का मेरा तू ही गहना , तुझसे ही मेरा हर जीवन तू ही मेरा जीवन मेरी प्यारी माँ !