फ़ौजी
फ़ौजी


यूँ तो सरहद पर खड़े हैं कुछ ऐसे शख्स
जिन्हें नही है अपनी जान की फ़िक्र ...
करके खुद को वतन के हवाले लगाते है
ये तो सिर्फ भारत माँ के नारे ।।
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सबने अपनी जान
गँवाई करा अपनी धरती को दुश्मनों से रिहाई
गर्म लपटें चाहे हो सर्द हवाएँ रास्ते में इनके
टिक ना पाएँ वो भी खुद को बेबस पाएँ।।
बदन पर वर्दी और दिल में एक मुकाम
करते हर पल भारत माँ को प्रणाम...
इनकी हर सांस से तिरंगा लहराता है
दुश्मन भी इनके सामने टिक नहीं पाता है ।।
यूँ तो देशवासियों ने इनको कइयों बार
झुकाया है
पर हर दम इन्होंने अपनी जान देकर देश
का सम्मान बचाया है
चाँद - सितारे भी करते है इनके गुणगान
क्योंकि कोई नहीं है इनसा बलवान ।।
यह नहीं हैं कोई आम इंसान यह है
फ़ौजी हमारे देश की शान ।।