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Kamlesh Kumar

Inspirational

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Kamlesh Kumar

Inspirational

मां

मां

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धरती पर भगवान के रूप में ,मिली है मेरी मां ।

मां ही मेरी धरती-अंबर, मां ही सारा जहां ।।

जहां-जहां तेरे कदम पड़े हैं, जन्नत वहां वहां।

मां ही मेरी धरती-अंबर, मां ही सारा जहां ।।


जाते हैं क्यों दर्शन करने,काशी-काबा लोग।

अपनी मां का पूजन कर लो,रोज लगाओ भोग।

सारे दुःख,संताप मिटेंगे, आशीर्वाद लो रोज।

ईश्वर तेरे घर में बैठे, मां के रूप में खोज।

तू मां के रूप में खोज।।

जीवन तेरा सफल होगा,तू भटक रहा है कहां।।

मां ही मेरी धरती-अंबर, मां ही सारा जहां ।।


ममता के ही छांव तले हम, धर्म धारा पर आये हैं।

जीवन में सबसे पहला स्पर्श, माता का पाये हैं।

ये सारा जीवन माता के, दूध-खून का ऋणी है।

माता के कदमों के नीचे, स्वर्ग जाने की सीढ़ी है।

तू मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा,चर्च में खोजे कहां।

तू चर्च में खोजे कहां।।

मां ही मेरी धरती-अंबर, मां ही सारा जहां ।।


कमलेश अपने मातृ शक्ति ,माता को भगवन मान लो।

इस धरती पर मां के जैसा, कोई देव ना जान लो।

मां ही ब्रह्म, मां ही विष्णु, मां ही शिवशंकर भोले।

माता से ही सारा जग है, मां को खुश सदा रखो।

तू मां को खुश सदा रखो।।

मां जहां रहती तीर्थ स्थल, जाने सारा जहान ।।

मां ही मेरी धरती-अंबर, मां ही सारा जहां ।।


        



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