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कुमार संदीप

Abstract

5.0  

कुमार संदीप

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माँ

माँ

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मेरी माँ सचमुच तेरे जैसा

कोई नहीं है इस जग में


मेरे जीवन का अनमोल हिस्सा है

तू है मेरी माँ


तेरे बिना मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं

तू है तभी तो मेरा अस्तित्व है


तेरे बिना मैं ठीक उसी तरह हूँ

जैसे दीपक बिन बाती


जैसे धरा है गगन बिन अधुरी

माँ तेरी सलामती की दुआ


माँगता हूँ मैं हर पल

अपनी अंतिम साँस तक


चाहता हूँ कि रहे तू मेरे

आसपास मेरे करीब।


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