मां
मां
घुटनों पर रेंगते-रेगते , पैरों पर चलना सीखाया
चलते-चलते जब गिरे , तो हाथ तेरा सबसे पहले आया
हर एक तकलीफ को अपनी हंसी से छुपाया,
मगर मुझे हर एक मुश्किल से लड़ना सिखाया
काला टीका दूध मिलाई आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूं हर जगह प्यार में तेरा कैसा है
सीधी-साधी भोली-भाली मैं ही सब से अच्छी हूं,
कितनी भी हो जाऊं बड़ी मां आज भी तेरी बच्ची हूं.