ये रीत कैसी है ?
ये रीत कैसी है ?
ये रीत कैसी है, जो लोग कहते है
बेटी अपनी है पर परई हो जाती है
जिस ऊंगली को पकड़ कर चलना सीखती है
उसी ऊंगली को छोड़ कर चली जाती है
जिसके होने से पूरा घर जगमगाता था
जिसकी हंसी से पूरा घर चहक जाता था
जिसके गुस्सा होने से पूरा घर टेंशन में आ जाता था
उसे क्या पता ये सब छोड़ कर जाना था
उसे क्या पता पापा का प्यार ,मम्मी की लोरी
भाई की लड़ाई , बहन की दोस्ती
दादा का लाभ , नाना की सीख
दादी और नानी की परीयों कि कहानीया
मामा और चाचा की दोस्ती
मामी और चाची का प्यार
बुआ की बाते
ये सब छोड़ कर जाना है
पता ही नहीं चला कब इतने बड़े हो गए
जहां चोकलेट के लिए लड़ते थे
वहां किसी और के होके,
किसी और के घर चले गए
जिसकी गोदी में लोरी सुनी,
आज उधर कुछ यादें छोड़ कर चले गए
जिसके कंधे पर पूरी दुनिया देखी,
आज उधर कुछ आंसू छोड़ कर चले गए
छोटे से अब तक पलकों पर बीटाल कर रखा मुझे
आज उतार कर किसी और के घर का ताज बना दिया
मुझे मेरे बड़े होने का एहसास करा दिया।