मां
मां
मेरी तो मां ही खुदा है
मेरी तो माँ ही दुआ है
जो ये बात जानते हैं,
जो ये बात मानते हैं,
वो रब के करीब हुआ है
बाकी जग अंधा कुंआ है
जिसमें स्वार्थ भरा हुआ है
मां ही निःस्वार्थ जुआ है
बाकी इस स्वार्थी जग में,
कौन खुदा जैसा हुआ है
स्वर्ग तो नहीं देखा है,
मां के चरणों से ज्यादा,
वो क्या सुंदर होगा ?