STORYMIRROR

miss mannu

Fantasy Others

3  

miss mannu

Fantasy Others

माँ

माँ

1 min
178

क्या कहूँ ?

  क्या लिखूं ?

मेरी हर सांस 

  मेरी हर धड़कन 

तेरे नाम , बस तेरे नाम 


क्या प्यार में बस प्यार होता है ? 

क्या नफरत में बस नफरत होती है ? 

माँ की नजरों से देखो 

प्यार में अपनापन भी होता है !

नफरत में भरोसा भी होता है । 

जब भी माँ को देखती हूँ 

बस एक ही बात जहन में आती है 

मेरी हर धड़कन 

मेरी हर सांस 

बस तेरे नाम , बस तेरे नाम ।


कहने को शब्द छोटा लगता है 

पर अपने आप में पूरा है "माँ"

शब्द छोटा लगता है 

लेकिन अहसास बहुत बड़ा है । 

जब भी इस शब्द को देखूँ 

मेरा दिल कहे 

मेरी हर धड़कन 

मेरी हर सांस 

बस तेरे नाम , बस तेरे नाम । 


................


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy