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Shivanand Chaubey

Abstract

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Shivanand Chaubey

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माँ

माँ

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माँ वेद माँ पुराण है

माँ सृष्टि का आधार है

गंगा सी पावन अश्रु जल

माँ खुशियों की संसार है

काशी है माँ काबा है माँ

गीता है माँ कुरान है

सर्वस्व न्यौछावर जो करे

माँ वात्सल्य है वो प्यार है

करुणा दया की भाव माँ

आंचल में ममता को लिए

है स्वर्ग चरणों में जहां

माँ सर्व तीरथ वार है

माँ आयते है कुरान की

माँ श्लोक गीता की यहाँ

माँ बायबिल गुरु ग्रन्थ साहिब

सृष्टि सृजन का आधार है

माँ धुप में एक छाव है

माँ स्नेह उर की स्वभाव है

माँ ज्ञान मान प्रदायिनी

माँ भाव की संसार है

धरती है माँ आकाश माँ

अपनत्व का एहसास माँ

करता नमन सादर शिवम

चरणों में माँ स्वीकार है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 



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