माँ
माँ
आत्मीयता, वात्सल्य, उत्साह की अनुपम काया
माँ की ममता ने सब को प्रेमासिक्त है बनाया
सदैव कुछ करने की नव प्रेरणा देतीं वे हर पल
नव ऊंचाइयों को छूने की चाह, देतीं आत्म बल
संस्कारों से सजातीं वे जीवन की सुन्दर बगिया
माँ की क्षत्र छाया में मिलतीं हैं अनंत खुशियाँ
रिश्तों को सजातीं बन सुख- दुःख की साथिन
प्रेम बंधन बाँध एकता का पाठ पढ़ातीं हर दिन
परिवार को सजातीं आशा-विश्वास की मूर्ति बन
सत्य, निष्ठा, त्याग, संवेदनाएं जगातीं हर मन
वट वृक्ष सी बन कर देती, सब को वे सघन छाया
प्रेम की शीतल छाँव में परिवार पल-पल हर्षाया
संस्कारों से सजातीं वे जीवन की सुन्दर बगिया
माँ की छत्र छाया में मिलतीं हैं अनंत खुशियाँ।
