माँ
माँ
माँ आंधी आती तुफान आता तो मै
सह्य लेती
निडरतासे उसको मै सहज पार
कर जाती
मगर एक हैवान आया उसने मेरा
तन काट दिया
मेरे तन से रूह काटी आत्मा को
खत्म किया
मेरे कपड़ों के साथ उसने तन भी
फाड़ दिया
मार मारकर मुझको छन्न विच्छिन्न
कर डाला
लोच लोचकर उसने मुझे तरसाया
तड़पाया
मेरे शरीर से प्राण निकाल कर
फैंक दिया
मैं देती हूं तुझको माँ एक
पैगाम
मैं न कर पायी उसका काम
तमाम
फांसी पर लटका कर
उसको देना अंजाम।
