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Chandni Kashyap

Tragedy

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Chandni Kashyap

Tragedy

मां का प्यार

मां का प्यार

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जब रातों को देर तक जगती हूं ।

कोई नही कहता सो जा रात बहुत हो गई है अब ।

उस वक्त याद बहुत तुम्हारी आती है मां ।


जब खाना खाए बिना ही सो जाती हूं।

उठा कर तेरा मुझे अपने हाथों से खिलाना ।

उस वक्त याद बहुत तुम्हारी आती है मां ।


जब कभी भी घर रात देर से आती हुं।

कोई पूछता नहीं अब , कहा थी इतनी देर तक ।

उस वक्त याद बहुत तुम्हारी आती है मां ।


लिखा है पत्र तुझे मां।

क्या पहुंच पता नही , वहां तक पत्र मेरा ।


पढ़ कर पत्र मेरा , तु क्यों आती नहीं मां।

लगा कर अपने सीने से , मुझे भी अपने साथ क्यों नही ले जाती मां ।



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