मां का प्यार
मां का प्यार
जब रातों को देर तक जगती हूं ।
कोई नही कहता सो जा रात बहुत हो गई है अब ।
उस वक्त याद बहुत तुम्हारी आती है मां ।
जब खाना खाए बिना ही सो जाती हूं।
उठा कर तेरा मुझे अपने हाथों से खिलाना ।
उस वक्त याद बहुत तुम्हारी आती है मां ।
जब कभी भी घर रात देर से आती हुं।
कोई पूछता नहीं अब , कहा थी इतनी देर तक ।
उस वक्त याद बहुत तुम्हारी आती है मां ।
लिखा है पत्र तुझे मां।
क्या पहुंच पता नही , वहां तक पत्र मेरा ।
पढ़ कर पत्र मेरा , तु क्यों आती नहीं मां।
लगा कर अपने सीने से , मुझे भी अपने साथ क्यों नही ले जाती मां ।
