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Anurag Pandey

Tragedy

4  

Anurag Pandey

Tragedy

मां का दर्द

मां का दर्द

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मां से बेटी जुदा हो गई,

मां तड़पती रही रात भर।


बाप की आंख नम हो गई,

मां सिसकती रही रात भर।


बेटी होना गुनाह क्या हुआ,

पूछती यूं रही रात भर।


बेटियों को सजा हो गई,

मां बिलखती रही रात भर।


बेटी महफूज़ कैसे रहे,

सोचती यूं रही रात भर।


बेटियों से खता क्या हुई,

चीखती यूं रही रात भर।


बेटी की याद सीने में यूं,

गूंजती सी रही रात भर।


दर्द की इंतहा हो गई,

वो फफकती रही रात भर।


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