माँ का आंचल
माँ का आंचल
पग-पग चलना सिखाया आपने
गिरते हुए कदमों को संभाला आपने
क्षण - क्षण अपने आंचल की छाँव ओढ़ा कर
संघर्ष करते रहना सिखाया आपने
सपने पाने की चाह तुमसे दूर ले गयी
कभी मुश्किलों ने हौसला तोड़ा राहों में
तुम्हारी मुस्कुराहट ने फिर कहा
चलो तुम कदम से कदम मिलाकर
मंज़िल तो कुछ पल ही दूर है
वो मुश्किलें भी बिखर जायेगी राहों में
तुम्हारे साथ तो मां के आंचल की शक्ति है।
