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Pawan Yadav

Romance

5.0  

Pawan Yadav

Romance

माफ़ी

माफ़ी

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कैसे कहूँ की तेरी आंखों में खोना चाहता हूँ,

तेरे प्यार के साथ जीना मरना चाहता हूँ,

तू एक मूरत है जिसमे सामना चाहता हूँ,

तू एक इबादत है जिसे करना चाहता हूँ।


तेरा विश्वास जो तोड़ा है, उसे पाना चाहता हूँ,

तेरी हर बेरुखी पर मरना चाहता हूँ, 

हमने तो तुझमे अपना रब देखा है,

अपने रब में तुझे देखा है।


तेरी उन जुल्फों में खोना चाहता हूँ,

जिनकी छाँव में सब भूल जाया करता था,

तेरी उस गोद में सोना चाहता हूँ,

जिसमे सारा संसार भूल जाया करता था,

तेरी बाहों में सिमट जाना चाहता हूँ,

माँ के ममता का एहसास पाना चाहता हूँ,

तेरी छाती से लग कर एक सुकून पाना चाहता हूँ।


अपनी हर सांस में तुझे महसूस करना चाहता हूँ,

अपनी हर ग़लतियो के लिए तुझसे लड़ना चाहता हूँ,

तेरे हर गीले शिकवों को दूर करना चाहता हूँ,

तेरे प्यार में जीना मरना चाहता हूँ ।


तुझको वापिस उस रूप में देखना चाहता हूँ,

जिसमे मेरा संसार बसता है,

तेरे उस प्यार को फिर पाना चाहता हूँ,

जिसके आगोश में खुदा मिलता है,

तेरे हँसता हुआ चेहरा देखना चाहता हूँ,

जिसमे मेरी रूह बस्ती है,


दुख दिया है, दर्द दिया है

हमने ये महसूस भी किया है,

माना है की हमने आपका विश्वास बार बार तोड़ा है,

लेकिन कैसे विश्वास दिलाये की

आप हमारे दिल और दर्द में बास्ते हो,

हमारे में हमारा शरीर ही है,

रूह तो आप में बस्ती है।


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