माड़ो गीत
माड़ो गीत
खाला खिचड़ी कोंहाला का आज बबुआ।।
राखा बेंवड़ा केवाड़ी क लाज बबुआ।।
खाला खिचड़ी कोंहाला का आज बबुआ।।
होखी ऊहे जवन रही तोहके पसंद।
लेला नथिया आ झुमका हमार कमरबंद।
नाही कोठरी पे दौड़ी जहाज बबुआ।
खाला खिचड़ी कोंहाला का आज बबुआ।।
नाही करा अबेर लागी लोढ़ा करेर।
चला खाला तू हाली नाही ताका गुरेर।
जदि सरहज के बिगड़ी मिजाज बबुआ।
खाला खिचड़ी कोंहाला का आज बबुआ।।
ढेर करा ना तंग नाही बना सरहंग।
रिसियाला तू झूठे ना होखा बेढंग।
ना त मूसर से होखी मसाज बबुआ।
खाला खिचड़ी कोंहाला का आज बबुआ।।
राखा दुअरे क हमरे तू लाज बबुआ।
एगो तोही त बाड़ा मोर नाज बबुआ।
खाला खिचड़ी कोंहाला का आज बबुआ।।