का भइला सरकारी मर्दे
का भइला सरकारी मर्दे
खाला बेतन से तरकारी मर्दे ।
का भइला सरकारी मर्दे ।
पटवारी हो गयल नमाजी ।
दारू पीये पुजारी मर्दे ।
का भइला सरकारी मर्दे ।
खाला बेतन से तरकारी मर्दे ।
पटका डंडा पालक पईबा ।
आंख देखावा आलू खईबा ।
ठेला से अंगूर उठावा ।
नरियर आ सिंदूर उठावा ।
चर चक्का के करा सलामी ,
टेम्पू हवे गड़ारी मर्दे ।
का भइला सरकारी मर्दे ।
खाला बेतन से तरकारी मर्दे ।
मन होखे जब आवा जा ।
बना सफाईकर्मी भाय ।
जुआ खेलावा दुअरे पर ।
मने देवारी पुअरे पर ।
भलही मुंहवा रहे करोड़ी ,
मनवा रहे भिखारी मर्दे ।
का भइला सरकारी मर्दे ।
खाला बेतन से तरकारी मर्दे ।
मस्टरई हव सबसे बढ़िया ।
विद्यालय में बोआ धनिया ।
साफ करावा कान के खूंट ।
मजवावा लइकन से जूठ ।
बेतनभोगी मास्टर हउआ ,
ढेर न बना आभारी मर्दे ।
का भइला सरकारी मर्दे ।
खाला बेतन से तरकारी मर्दे ।
तू हउआ धरती के लाला ।
लेखपाल जी नाम सुनाला ।
परती उसर जी एस लट्ठा ।
ला पईसा कुल कय दा पट्टा ।
मधुसूदन जस लीला तोहरे ,
बंजर करा कियारी मर्दे ।
का भइला सरकारी मर्दे ।
खाला बेतन से तरकारी मर्दे ।