लॉक डाउन में नवाचार
लॉक डाउन में नवाचार
बाधाएं तो हैं जननी नव मार्गों की, धर धीर करें मन में विचार,
लॉक डाउन था कुछ को बाधा, इसमें खोजे हमने कुछ नवाचार।
आने-जाने की न थी कोई बाधा, जिस मन में पक्का इरादा था।
सिखाना-सीखना था घर पर बैठे, अतिरिक्त समय भी ज्यादा था।
नव तकनीकी अवलम्ब बनी, सृजित हुए जिससे कुछ नये द्वार।
कुछ अपवादों को दें छोड़ अगर, संभावनाएं भी थीं बड़ी अपार।
लॉक डाउन था कुछ को बाधा, इसमें खोजे हमने कुछ नवाचार।
जिनमें पठन-पाठन का ज़ज्बा था, यह समय उन्हें न रोक सका।
आपसी नियोजन कर पुनः लिया, अनिश्चय उनको न टोक सका।
सारे संकोचों को तो परे रखकर, किया संदेहों-शंकाओं पूरा निस्तार।
शंका-संदेह शेष रहे जब तक , उत्तर-प्रत्युत्तर क्रम चला बारम्बार।
लॉक डाउन था कुछ को बाधा, इसमें खोजे हमने कुछ नवाचार।
खंगाले यू-ट्यूब और लिंक विविध हमने, कुछ अति नवीन भी पाया था।
हमारा शिक्षण आसान बने कैसे ? ज्ञान पुन :विद्यार्थी बनकर ही आया था।
ऑफ लाइन थे कार्य बहुत सारे, लॉक डाउन डिजिटलीकरण सिखा गया।
बहानेबाजों की बहानेबाजी चल न सकी, संपर्क अभिभावकों से लगातार।
लॉक डाउन था कुछ को बाधा, इसमें खोजे हमने कुछ नवाचार।
शर्मीलों और शैतानों को छोड़कर , अधिकांश छात्र थे शिक्षकों से जुड़े रहे।
औपचारिकताओं की सीमाएं न , अनौपचारिक रूप में समस्या-हल सुने कहे।
साझा किए बहु वीडियो-लेक्चर, डिजिटल व्हाइट बोर्ड का सफल प्रयोग हुआ।
अधिकतर जुड़े रहे पूर्ण रूप से ही , शिक्षण क्षेत्र में उत्कर्ष होता रहा लगातार।
लॉक डाउन था कुछ को बाधा , इसमें खोजे हमने कुछ नवाचार।