लोंगो की नजर में हम आने लगे है
लोंगो की नजर में हम आने लगे है
खुद को आईने की तरह आजमाने लगे हैं
अब लोगों की नजर में हम आने लगे हैं।
खोजता हूँ खुद को जहाँ भटके थे हम
हमें खुद को खोजने में जमाने लगे हैं।
उसे पाया भी नहीं और खो भी दिया हमने,
इश्क में हमारे भी होश ठिकाने लगे हैं।
बदनसीबी का आलम कुछ ऐसा है अंकित,
सारे दोस्त भी हमें छोड़कर जाने लगे हैं।