लोक मान्य तिलक
लोक मान्य तिलक


स्वराज्य जन्म सिद्ध अधिकार
गुलामी मानवता का अपमान
पौरुषता पर प्रहार।।
शक्ति साहस की भक्ति का
युग संसार कायर का ना स्व ना
अभिमान जिंदगी कायर की
खाने जीने मर जाने का नाम।।
जीवन के प्रभा प्रवाह में रच
डाला जिसने नया इतिहास।
खुद के कदमों के छोड़ गया
निशांन आने वाली पीढ़ी की
प्रेरणा का मार्गदर्शन महापुरुष
लोक मान्य तिलक एक नाम।।
महा पुरुष पराक्रम का युग
समक्ष रखता नए आयाम।
जीवन का मतलब उद्देश्यों का
पथ युग राष्ट्र समाज के नाम।।
मिट जाता या मिटा देता
वक्त का बदल देता चाल
मिज़ाज़।।
जीवन का मूल्य धैर्य धीर
वीर मन दामन का परम
प्रकाश ।।
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त्याग तपस्या बलिदान
ओज तेज उर्जा का स्वयम् श्रोत
कर्तव्य दायित्व बोध का सपूत।
जननी जननी जन्म भूमि की
लाज मर्यादा का मान।।
परतंत्र आत्मा मन मस्तिष्क
सोच का प्रतिद्वंदी प्रतिकार।।
स्वतंत्रता की
हस्ती हैसियत मानव मानवता
की गुहार आवाज़।।
लोक मत को स्वीकार लोकमान्य
तिलक भारत भूमि का सपूत महान।।
शिवा पुरुषार्थ पराक्रम की
नव जागृति चेतना का आवाहन
ललकार सत्कार।।
गणपति पूजा मन से मन को
जोड़ना संस्कृति संस्कार क्रांति
धर्म शांति संग्राम की बुनियाद।।
जन जन की आकांक्षाओं का
उत्साह उल्लास लोक मान्य
तिलक नाम।।
भारत की आज़ादी के माह संग्राम
में धर्म कर्म सामाजिक उद्धार का
दिया ज्वाला मशाल ।।