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Achyut Umarji

Abstract

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Achyut Umarji

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लहरें

लहरें

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समंदर की लहरें...

एक के पीछे एक...

एक दूसरे को मानो...

छोड़ने आती हो साहिल तक...


कितना बुरा लगता होगा लहरों को...

के वे एक दूसरे से बिछड़ रहें हैं...

और फिर समंदर का हिस्सा नहीं बन पाती।


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