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Vijay Gokhale

Romance

3  

Vijay Gokhale

Romance

लास्ट नाईट का पास्ट

लास्ट नाईट का पास्ट

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लास्ट नाईट वो गुडिया अलग ही लग रही थी 

क्योंकि उसने बहोत सारी पी रखी थी 

बेहोशी मे खुदको सांभाले हुए थी 

नजर उसकी फिर भी मासूम थी 

मगर आंखो मे शरारत दिखने लागी थी 

जैसे वो शरारत किसी एक खास के लिये थी 

जिसकी यादो मे वो खोयी हुई थी 

जाब वो आ गये हाथो मे जाम लेकर 

हमारी गुडिया और शरारती हो गयी थी 

आलम ये था बाकी सब बेहोशी मे थे 

हमारी गुडिया मदहोश बन चुकी थी 

बहोत सारी पी रखी थी 

मगर फिर भी 

बेहोशी मे खुदको सांभाले हुए थी।

  

 


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