क्यूंकि
क्यूंकि
कि कर लूँ कैद
मैं अपने प्यार में
ये तमना कहाँ थी मेरी ?
कि तू मेरा प्यार है
और मुझे क़बूल है
तेरी हर आज़ादी और ख़ुशी
कि तुझे दूर कर दूँ
मैं तुम्हारे अपनों से
ये ख्याल भी कैसे आने दूंगी कभी ?
कि तू मेरा संसार है
तू आबाद रहे खुशहाल रहे
यही दुआ हरदम रहेगी मेरी।
कि तेरा जिस्म ढूंढता है
खुला आसमाँ और घर परिवार,
पर तेरी जान है
मेरे जिस्म में छिपी कहीं।