क्यों ना मैं समाज सेवक बनूँ!
क्यों ना मैं समाज सेवक बनूँ!
बस ऐसे ही एक दिन सोचा मैंने,
क्यूँ ना मैं समाज सेवक बनूँ,
यूँ तो सभी डाॅक्टर बनके,
इंजीनयर बनके, बटोरते हैं सुखों को
क्यूँ ना मैं औरों के, गमों को सहूँ!
क्यूँ ना मैं समाज सेवक बनूँ।
यारों इस प्रोफेशन का अपना है मजा
जब जी चाहे काम,जब चाहो हो रजा
डिग्री भी ना चाहिए, तो क्यूँ दुनिया की सुनूं।
क्यूँ ना मैं समाज सेवक बनूँ।
पैसे की कमी नहीं, इस रोजगार में
स्कोप भी बहुत है, इस नये बाजार में।
तो क्यूं ना मैं ऐसा कैरियर चुनूं।
क्यूं ना मैं समाज सेवक बनूँ।
