क्या मैं सही हूं ?
क्या मैं सही हूं ?
शुरुआत तो बहुत कुछ किया था
पर अब मैं करती कुछ नहीं हूं
आजकल दिल से सवाल आता है
कि क्या मैं सही हूं
बड़ी-बड़ी पढ़ाF यां कर ली।
कुछ अलग नाम कमाना है
नौकरों जैसे नौकरी नहीं करनी
एक अपना बिजनेस बनाना है
कुछ अलग करने का ख्वाब हैं
पर सफर हैं आगे बढ़ नहीं रहा
शुरू करना था तो कर लिया
फिर ये मंजिल क्यों नहीं यहां ?
कभी कभी शक होता है खुद पर
कि ये ख्वाब पूरे होंगे या नहीं
बहुत सब्र किया हैं इस सफर में
अब इससे ज्यादा होता नहीं
कभी हालात साथ नहीं देता तो
कभी वक्त हाथ से निकल जाता है
और आजकल तो हर हाल में भी
दिल में एक ही ख्याल आता हैं
करना तो बहुत कुछ चाहती हूं
पर कुछ भी कर पातीं नहीं हूं
इसलिए दिल से सवाल आता है
कि क्या मैं सही हूं ?