क्या किया जाए
क्या किया जाए
कोई अपना जब सताए तो क्या किया जाए
दर्द दिल का बढ़ाए तो क्या किया जाए
इक बाग़ के किसी फूल की हिफाजत आप करो
वही फूल मुरझा जाए तो क्या किया जाए
जो कहे की इस भीड़ में वो है सबसे अलग
वही जब नज़र चुराए तो क्या किया जाए
उसे मालूम हो आप के दिल की हकीकत
फिर भी वो पास न आए तो क्या किया जाए
जैसे-तैसे चल रहा है अपने सफर में " रौशन "
हर गम पर कदम लड़खड़ाए तो क्या किया जाए