"क्या कहना हिन्दुस्तान की"
"क्या कहना हिन्दुस्तान की"
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करम है उपरवाले का इस धरती पे जन्म लिया ,
लोग कहते है इसे इंडिया, पर हम भारतवासी है,
सूरज की पहली किरण, बड़े प्यार से जगाती है,
मेरा देश, मेरी माँ लोरी गा सुलाती है,
इतने सIरे लोग यहाँ, पर अजब भाईचारा है,
हर एक बेटा इसका रखवाला, देश पर मर मिटने को तैयार है,
मेरे देश की हर बेटी माँ दुर्गा का अवतार है,
बुरी नज़र इस पे डाले, किसकी इतनी हिम्मत है ?
जहाँ देखों मीलों तक खेत और खलियान है,
इन खेतों में फसल उगाता देश का किसान है,
हर कोई मेहनत करता, देश के नाम को ऊंचा करने की,
हर उस सपने में मैं बस जाता, क्या कहना हिंदुस्तान की,
क्या कहना हिंदुस्तान की !