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Akanksha yadav

Abstract Inspirational

3.9  

Akanksha yadav

Abstract Inspirational

क्या है ज़िन्दगी

क्या है ज़िन्दगी

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ये ज़िन्दगी हमारी है!

ये कितनी प्यारी है?

ये कितनी हमारी है?

     संस्कारों की बेड़ियां,

  ‌   आदर्शों की नीतियां,

     परम्पराओं की गुलामियां,

     ज़िन्दगी की लाचारी है,

     ये कितनी प्यारी है ? 

     ये कितनी हमारी है?

दूसरों का ही सोचना, 

इच्छाओं का गला घोंटना, 

जीवन को ही कोसना,

सांसें तो हमारी है,

हुक़ूमत ही जारी है,

ये कितनी प्यारी है?

ये कितनी हमारी है?

    मजबूरियों की महामारी है,

    ये ज़िन्दगी हमारी है!

    ये कितनी प्यारी है?

    ये कितनी हमारी है?


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