STORYMIRROR

Akanksha yadav

Tragedy

3  

Akanksha yadav

Tragedy

आडम्बर का शोर

आडम्बर का शोर

1 min
172

ना गम हुआ, ना खुशी मिली, किसी बात में,

जिन्दगी से रजा क्या, 

 मिली तो मिली क्या तेरी सौगात है, 

क्या मिली तेरी सौगात है, 

हैं जहाँ आडम्बर भरा पड़ा, 

दिखता ना कोई लेकिन साथ में, 

ये शिकवें, ये शिकायतें, ये रन्जिंशे है सारी , 

सब मेरी, सारी की सारी मेरे साथ में , 

ढुढ़ता जिसे हर ही मरतवा में, 

मिला नही मुझसे कि मेरे साथ में , 

अब, बैठा हूँ मैं भी थक हार के साथ में ।। 


हैं जहाँ आडम्बर भरा पड़ा

दिखता ना कोई लेकिन साथ में

अब! थक हार के बैठा हूँ मैं भी, साथ में...!! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy