Priyanka Chaturvedi
Drama
यूं ही पल भर में ना करो
किसी को बदनाम यारों,
क्योंकि नाम कमाने में
बड़ा वक्त लगता है।
कविता
#शायरी
स्वच्छता अभिय...
सुखद स्वप्न
किन्तु…. होता है हृदयविहीन सदा स्मरण रहे ! किन्तु…. होता है हृदयविहीन सदा स्मरण रहे !
यह मुआ मौसम है आफ़त सी, करूं मैं क्या यह मुआ मौसम है आफ़त सी, करूं मैं क्या
थोड़ा सा तो कुछ असर पड़ेगा , शायद बदले मेरा देश। थोड़ा सा तो कुछ असर पड़ेगा , शायद बदले मेरा देश।
मित्र की आन, बान, शान के लिए जान क़ुर्बान करता। मित्र की आन, बान, शान के लिए जान क़ुर्बान करता।
बिन दरवाज़े बिन खिड़की के इस पिंजरे का क्या करूं, इन हथेलियों पर लिखें कल को मैं कैसे बिन दरवाज़े बिन खिड़की के इस पिंजरे का क्या करूं, इन हथेलियों पर लिखें कल को ...
दर्द का हर आलम छुपा लेते हैं, ग़म तो हैं लाख पर मुस्करा लेते हैं, दर्द का हर आलम छुपा लेते हैं, ग़म तो हैं लाख पर मुस्करा लेते हैं,
मौसम थे बदले, फिर भी बदलेंगे, ये है वो सफर जिसकी मंज़िल नहीं, मौसम थे बदले, फिर भी बदलेंगे, ये है वो सफर जिसकी मंज़िल नहीं,
यहां ना जाने कितने रंग हैं जीवन के हर रंग में पानी कम है यहां ना जाने कितने रंग हैं जीवन के हर रंग में पानी कम है
बस रोने की वजह बदल गई पड़ोस में एक बेटी गुज़र गई....... बेटी गुज़र गई...... बस रोने की वजह बदल गई पड़ोस में एक बेटी गुज़र गई....... बेटी गुज़र गई......
हर रात का प्रभात होता है, तुम भी शायद ये कहा करती थी। कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी व हर रात का प्रभात होता है, तुम भी शायद ये कहा करती थी। कभी याद तो आती होगी, तु...
मन मंदिर में मूरत है वो मूरत ही तुम्हारी है मेरे मन में बसे हो तुम मुख ना मोड़ना मोहन मन मंदिर में मूरत है वो मूरत ही तुम्हारी है मेरे मन में बसे हो तुम मुख ना मोड़...
अलौकिक देव पुरुष, करती वंदन, हे पितृ शक्ति, कोटि कोटि नमन। अलौकिक देव पुरुष, करती वंदन, हे पितृ शक्ति, कोटि कोटि नमन।
क़ामयाबी का नया सूरज उगाना है तुझे, उलझनों को छोड़ दे, बातें पुरानी भूल जा। क़ामयाबी का नया सूरज उगाना है तुझे, उलझनों को छोड़ दे, बातें पुरानी भूल जा।
बस खो जायेंगी और अंततः सर्वदा के लिए बंद हों जायेंगी। बस खो जायेंगी और अंततः सर्वदा के लिए बंद हों जायेंगी।
मैं कब तक संभालूँ तुमको यूँ ही अकेले साथी मेरे..? मैं कब तक संभालूँ तुमको यूँ ही अकेले साथी मेरे..?
हो जय घोष हरदम हमारा, वंदे मातरम-वंदे मातरम।। हो जय घोष हरदम हमारा, वंदे मातरम-वंदे मातरम।।
चलो उठो मेरे भाई, भर लो उत्साह चलो जोरों से करते हैं तैरने की तैयारी चलो उठो मेरे भाई, भर लो उत्साह चलो जोरों से करते हैं तैरने की तैयारी
चाहत रूह की क्या हैं जान बैठे, उसकी गलियों से यूं गुज़रे की अपना पता हम भूल बैठे, चाहत रूह की क्या हैं जान बैठे, उसकी गलियों से यूं गुज़रे की अपना पता हम भूल ब...
कोई देवता नहीं एक साधारण मानव केवल एक साधारण मानव..................... कोई देवता नही... कोई देवता नहीं एक साधारण मानव केवल एक साधारण मानव..................... ...
आते जब भी मेहमान दर पर तारीफ किए न रहे पाते पर आते जब भी मेहमान दर पर तारीफ किए न रहे पाते पर