कविता की महिमा
कविता की महिमा
कविता दर्द बयान कर।
पत्थर पिघला सकती है।
कविता आल्हादित मन, .
सबको नचा सकती है।
कविता हंसा सकती है।
कविता रुला सकती है।
कविता वीर रस की
जोश जगा सकती है।
कविता का व्यंग
तीर सा चुभता है।
कविता प्रेम की
दिलों को मिला सकती है।
प्रणय निवेदन को
कविता बहुत काम आ सकती है।