कुटुंब
कुटुंब
जहाँ एक दूसरे के लिये दिलों में प्यार है
इज्जत दिलों में एक दूसरे के लिये अपार है।
दिखावे का नहीं जहाँ कोई व्यापार है
ऐसे ही घर को हम कहते सच्चा परिवार है।
रिश्तों को नाम की जरूरत नहीं होती है
यदि एक दूसरे से लगाव होता है।
रिश्ते किसी पहचान के मोहताज नहीं होते
यदि दिल से दिल का जुड़ाव होता है।
समय चाहिये हर रिश्ते को सँवारने के लिये
रिश्ता खुदबखुद मजबूत हो जायेगा।
विश्वास हो जहाँ रिश्ते का आधार
ऐसा परिवार कभी भी नहीं बिखर पायेगा।
जब दूसरों से उम्मीदें भी कम होगी
दूसरो की जरूरतों का ख्याल पूरा होगा।
हर दुख परेशानी दूर हो जायेगी
ऐसे परिवार में खुशियों का अंबार होगा।
जहाँ परिवार में दो बातें आधार होगी
पहला लगाव एक दूसरे से भरपूर होगा।
दूसरा समय आपस में एक दूसरे का होगा
ऐसी घर खुद ही स्वयं पूर्ण परिवार होगा।