STORYMIRROR

Sriram Mishra

Inspirational

3  

Sriram Mishra

Inspirational

कुंठित शिक्षा

कुंठित शिक्षा

1 min
12K

सरकारी नौकरी पढ़ी लिखी

प्राइवेट नौकरी गंवार होती है

बस आज कल यही धुन

युवाओं पे सवार होती है ।।

 

यहाँ खुलती है किस्मत एक दो की

बाकी के यहाँ बेरोजगार होते है

प्राइवेट का दामन थामे कैसे

समाज के डर का भार होता

हाँ बस यही डर आज कल

युवाओं पे सवार होती है ।।


मैंने सुना है लोगों को कहते हुऐ

अगर होती योग्यता उसकी

क्या सरकारी नौकरी न करते

बस ऐसे ही शब्दों की भरमार होती है

हाँ बस यही डर आज कल

युवाओं पे सवार होती है।।


पर योग्य पुरूष तुम डरो नहीं

छोड़ दो तुम उस समाज को 

जहाँ तुम्हारी दरकार होती है 

कर लो प्राइवेट नौकरी 

खा लो इज़्ज़त की रोटी  

क्योंकि प्राइवेट नौकरी ही

आजकल इमानदार होती है ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational