कुदरती सीख
कुदरती सीख
दुनिया के किसी भी
देश,जात या मज़हब में
नश्वरता लिए जन्मा बच्चा
मां की गोद में
सम्भला, सुरक्षित
बिन किसी के बताए, समझाए
साधारण स्वाभाविक
बोलना सीखते ही
म म म म मां मां मां बोले
यह इतना कुदरती है
कि
इस पहले पाठ से
क़ुदरत को पहला शिक्षक जान
ताउम्र
ज़िन्दगी के उतार -चढ़ाव में
गिरते -पड़ते, उठते -सम्भलते
तजुर्बों की लहरों
संग बहते-उभरते
ज़िन्दगी में बहुत लोगों से
सीखते, समझते
"#थैंक्यू टीचर"
उनकी वजह से
रोशन राहों पर चलते
केवल शिक्षक दिवस ही नहीं
अपितु
हर पल, हर दिवस
मेरे भीतरी विद्यार्थी में
हमेशा सीखते रहने की
ललक को बनाए रखा है।
इसके साथ ही
जब से ज़िन्दगी को सीखना, समझना
शुरू किया
तभी से
कुछ न कुछ
सीख देती
कायनात में फैली
कुदरती नियामतों को
धन्यवाद शिक्षक कहती हूं
जो
बेहतरीन उस्ताद की तरह
बिना किसी भेदभाव के
मुख्तलिफ रहमतों से
नवाज़े
लगातार इन्सानी बेहतरी के लिए।