कुछ उन्मादी लोग
कुछ उन्मादी लोग
कुछ उन्मादी लोग
घूम रहे बड़े बेख़ौफ़
जवानों को मारकर,
समझ रहे, तोप
वो ये भूल गये है,
हद चूक गये ,है
हिंद के लोग,
देंगे तुम्हें ठोक
नक्सली हमला हो
या तस्करी हमला,
चुन-चुन बदला लेंगे,
देंगे कुते की मौत
मारकर गद्दारों को,
पूरा करेंगे शौक
हर शहीद को,
देंगे सच्ची धोक
गर साफ करे,
गंदगी थोक
फिर न होगा
कोई शहीद
यदि गद्दारों को,
दे अचूक चोट
खत्म होगा,
हिंद खोट
जब न रहेगा,
कोई आतंकवादी
न रहेगा
कोई नक्सलवादी
और न रहेगा
कोई तस्करवादी
इनके लिये,
सही को दे वोट
पैसे का मोह,
दे सब छोड़
सही नेता की
सही सोच
गद्दारों से मुक्त,
हिंद बनायेगी दोस्त
सही फैसले ले,
सब मिलकर ले,
फिर क्या औकात?
कोई पीछे करें चोट
हमारे जवान है,
शेरों बहुत
पर गीदड़ है,
हिन्द में छिपे बहुत
तब होगा भला, जब
गीदड़ो को देंगे मौत
तब ही देशभक्त,
करेंगे मौज
पर सबसे पहले,
गद्दारों के लिये,
कानून बनाओ,
सख्त बहुत
अब गद्दारों के,
डर बैठे बहुत
चाहे कितना बड़ा
दिखाये वो नोट
फाड़ दो, उसे
दिखा दो, उसे
जलती सीने में
स्वाभिमान जोत