कुछ तो सीखें
कुछ तो सीखें
आखिर अब तो हम सचेत दिखे,
निज अतीत से कुछ तो सीखें।
निज भाषा को अपनायें
निज संस्कृति के मोती पायें
पुकार-पुकार कह रही है हमको
वीर बलिदानियों की चीखें,
निज अतीत से कुछ तो सीखें।
निज सभ्यता का त्याग ना करें
द्रोहियों से कदापि ना डरे
छोड़कर कलह आपसी
एकता के गीत हम लिखें,
निज अतीत से कुछ तो सीखें।