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Sharad Ranga

Inspirational

3  

Sharad Ranga

Inspirational

कुछ सकारात्मक

कुछ सकारात्मक

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निराश क्यूँ करता है मन,

उदास क्यूं करता है मन,

चिंता तुझे किस बात की,

प्रयत्न कर तू हर कदम।


जीवन की इस राह पर चला चल तू सम्भल संभल,

आशाओं की राह पर बढ़ा तू तेरा हर कदम,

विश्वास कर स्वयं पर तू,

अनिश्चितताओं की त्याग दे,

जीवन के इस पथ पर तू,

सब को पछाड़ दे।


मन के अंधेरे को निकाल कर तू फेंक दे,

आशा की बस इक किरण को,

तेरे मैन में तू जगह तो दे,

फिर देख तेरे जीवन को फिर से इक बार तू,

परिवर्तन को पा जाएगा,

और सब कुछ ही बदल जायेगा।


दूसरों से तुलना ना कर,

तू स्वयं में अलग सा है,

तू सीपी के मोती सा,

तेरा जीवन ही अनमोल है।


निराश हो जब मन तेरा,

निकल बाहर और देख ज़रा,

लोगों के जीवन मे यहां संघर्ष कितना कठोर है..

संघर्ष कितना कठोर है।


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