कुछ पंक्तियां .. मेरे लिए
कुछ पंक्तियां .. मेरे लिए
उगते सूरज की किरणों सी, भरूं हर क्षोर उजियारा
अपनी मंद मुस्कान से खिलाऊं हर चेहरा प्यारा,
कड़ी कड़ी से जोडूं मैं, निर्मित करूं दृढ़ सेतु
अपनी कुशलता से हर काज करूं जन हेतु,
मैं भारत की नार, मुझ में भरा आत्म _ विश्वास
हर बाधा पार करूं मैं , कर हर संभव प्रयास,
तू फूलों के श्रृंगार सी, गंगा की अविरल धार
ईश्वर की उत्तम रचना तू.. तेरा ना कोई पार
तुझ में जीवन, तुझ से जीवन
तू हर रचना की आधार...
श्रेष्ठ काज से आगे बढ़ती , हर पथ देती पूर्ण संवार
अपने कोमल पंखों से दूर नभ तक भरती उड़ान
हे भारत की नार , तेरी लीला अपरंपार
हर युग में सबल बनी , खिला रुप अपार,
चाहे चढ़नी हो चोटी कोई, या जाना हो तारों पार
अपने बुद्धि कौशल से तुमने किया चकित संसार
यूं ही आगे बढ़ती रहो , पार करो हर बाधा तुम
अपने हुनर और जोश से पाओ सर्व सम्मान तुम।