कुछ ऐसे राज़।
कुछ ऐसे राज़।
वैसे तो ज़िन्दगी में ना कई राज़ हैं
कुछ ऐसे जो सबसे साझे हैं करते।
और कुछ-कुछ ऐसे भी तो होते हैं न,
जो सिर्फ अपनो को ही बताएं जाते।
कमी आखिर क्यों रह जाती है सदा,
ऊंचाई और मुकाम पर दोस्तों-यारों।
सुनो ना जिंदगी में एक ऐसे साथी की,
मित्र और हमदर्द राजदार हो न अपना।
