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Sumit. Malhotra

Abstract

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Sumit. Malhotra

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कुछ ऐसे राज़।

कुछ ऐसे राज़।

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वैसे तो ज़िन्दगी में ना कई राज़ हैं

कुछ ऐसे जो सबसे साझे हैं करते।


और कुछ-कुछ ऐसे भी तो होते हैं न,

जो सिर्फ अपनो को ही बताएं जाते।


कमी आखिर क्यों रह जाती है सदा,

ऊंचाई और मुकाम पर दोस्तों-यारों।


सुनो ना जिंदगी में एक ऐसे साथी की,

मित्र और हमदर्द राजदार हो न अपना। 


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