STORYMIRROR

Kumar Kishan

Abstract

3  

Kumar Kishan

Abstract

क्षमादान

क्षमादान

1 min
412

होता जग में वही महान

जो हो शक्तिशाली और

देता हो क्षमादान, क्योंकि

जाने-अनजाने सभी से

होता हैं भूल पर यारों,


कितने करते हैं अपनी

कुसूर को कबूल ?

लेकिन अगर किसी से

है भूल होता


और इसके बाद है पछताता

तो उसे सुबह का भूला मानना चाहिए

और क्षमादान देकर उसे क्षमा करना चाहिए


नहीं होता जग में उसका मान

जो नहीं करता कभी क्षमादान

और न ही उसका कोई मित्र होता

जो भूल करने पर भी नहीं पछताता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract