कसम हिंदुस्तान की
कसम हिंदुस्तान की
कसम खाते है,हम हिंदुस्तान की
न झुकने देंगे पगड़ी हिंदुस्तान की,
मिला देंगे,लहू में इतना शोला कि
शत्रु की सेना भी बोल उठेगी
जय हो हिन्दुस्तान की।
हम ये सांस भी छोड़ देंगे,
तेरे लिए गोली भी तोड़ देंगे,
जीते जी कभी न होने देंगे
जीत गीदड़ पाकिस्तान की।
कसम खाते हैं,हम हिंदुस्तान की।
तेरा मुकुट हिमालय का है,
वो सदा हिमालय का ही रहेगा,
रक्षा करेंगे सदा,हम तेरे अभिमान की।
हम जलेंगे दीपक से भी ज़्यादा
मिटायेंगे कालिमा तेरे सभी स्थान की।
कसम खाते है,हम हिंदुस्तान की।
बनेंगे हम वो किसान,
देश की वो बढ़ायेगा आन
हम कसम खाते हैं
तुझे न होने देंगे ,
बगिया कभी रेगिस्तान की।
तेरे गौरव के लिये हम लड़ेंगे
तूफानों से भी हम नहीं डरेंगे,
कसम खाते हैं,हम हिंदुस्तान की।
तेरे लिये जान की बाजी लगा देंगे
पर रक्षा करेंगे तेरे स्वाभिमान की।
ये जिंदगी मेरी भले चार दिन की है
पर सौगन्ध खाते है,
इन सांसो को तुझ पर लुटाएंगे,
और मेरी हर सांस से आयेगी
खुश्बू मेरे हिंदुस्तान की।