करो जो मन करे तुम्हारा
करो जो मन करे तुम्हारा


ऐ लड़कियों
तुम शोर मचाओ
चिल्लाओ,
जितना जोर है तुम में,
तुम खिलखिला के हंसों
जब जी करे तुम्हारा,
तुम बाहर निकलो जाओ
जहां मन करे तुम्हारा,
सिर्फ अपने दिल की करो
अपने दिल की सुनो,
अब किसी से मत डरो,
ना किसी के आगे झूको,
तुम बगावत करो
उस व्यवस्था से,
जो रोकते हैं
तुम्हें कुछ करने से,
तोड़ दो उन जंजीरों को
जो बांधते हैं,
तुम्हारे कदमों को
आगे बढ़ने से,
रोंद दो उन नियमों को
कुचल दो उन प्रथाओं को,
जो सिर्फ तुम्हारे लिए बने है बाधक,
तुम वो करो जो दिल करे तुम्हारा,
तुम्हे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता,
अगर तुम खामोशी तोड दो,
दूसरों के जुल्म सितम सहना छोड़ दो,
तुम्हे भी उतना ही हक है जीने का,
आगे बढ़ने का,
ऊंचाइयों को छूने का,
हर वो बात करने का
जितना दूसरे हक से करते हैं।