"साफ-हृदय"
"साफ-हृदय"
जिनका हृदय होता है साफ
उनका पूरा होता है,हर ख्वाब
जिनके घट में सतदीप जलता,
रब सदा होता है,उनके साथ
जिनके हृदय में भरा है,पाप
खुदा कर देता है,उन्हें साफ
बेईमानी से करते है,काम
उन्हें कभी न मिलता है,आम
जिनका हृदय होता है,पाक
उनके पूरे होते है,सब काम
अंधेरे में जुगनू से चमकते है,
वो अंत मे बनते है,आफताब
वो सच मे होते है,लाजवाब
जिनका हृदय होता है,साफ
शीशे में उनकी तस्वीर वैसी है
भीतर से उनकी छवि जैसी है
भीतर-बाहर होते है,समान
उनमें न होती है,कृतिम जान
जिनका हृदय होता है,साफ
मुँह पर कहते है,बाते तमाम
पीठे पीछे कभी न बोलते है,
सामने ही वो सदा बोलते है,
इनका सच्चा होता है,ईमान
सदा बुराई के काटते है,कान
पर आज साफ हृदय रखना,
हो गया बड़ा मुश्किल काम
सच्चे लोगो को मूर्ख समझना,
आज हो गया है,फैशन आम
पर अंत मे जीतता है,वो नाम
जिसका हृदय होता है,साफ
रब को साफ हृदय पसंद है,
उसे कहता है,वो अपना धाम
कभी मंदिर,कभी मस्जिद,
कभी गुरुद्वारा,कभी चर्च
हर जगह होती है,समान
पर दिल गर नही है,साफ
तब व्यर्थ है,पुण्य तमाम
खुदा कहीं बाहर नही है
भीतर घट रखो साफ
खुदा रहेगा सुबह-शाम
साफ दिल में है, सारे धाम।