सिर्फ ग़लती
सिर्फ ग़लती
बेशक ग़लती आप की नहीं,
सिर्फ हमारी ही होगी।
ख़ामोश रातों में आंखें
आप की भी भीगी होंगी,
यकीन है हमें,
आप भी तड़पी होंगी भीगी पलको के साथ,
बीते लम्हों आप को भी याद आई होगी,
बेशक ग़लती आप की नहीं,
सिर्फ हमारी ही होगी।
वो रातों की कुछ शरारतें,
जिस मे अक्सर नींदे खो जाया करती थी,
बेशक आप को भी याद होगा,
की किस तरह पहली मुलाकात में
हमने आप से मजाक किया था,
बेशक ग़लती आप की नहीं,
सिर्फ हमारी ही होगी।
