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Sumit Mishra

Romance

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Sumit Mishra

Romance

आप की यादें

आप की यादें

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क्या कहें अब आप से 

रोज़ सिखायत करते हैं उन भगवान से

जब साथ रखना ही न था तो मिलवाया क्यू...

और जब मिलवाया तो साथ रखा क्यू नही...

 

जब मांगा न था जीवन में किसी को 

तो आप से मिलवा दिया और 

अब जीवन भर आप के साथ रहने की कसम क्या खाई

उन्होंने मिलवाना तो दूर अब एक जलक देखने को तरसाते हैं....


क्या जीवन भर आप की यादों के साथ गुजरना होगा 

या कभी आप आओगी लोट कर ...

मन तो यही कहता है की सब्र रख भगवान

तेरी परीक्षा ले रहा है... 

पर इस परीक्षा का क्या फ़ायदा जिसमे आप साथ 


न हो...

बहुत याद आती हो कभी कभी उन तस्वीरों के सहारे

आंसू बहा लेते है... कभी कभी उनसे अपनी सिकायते भी कर लेते हैं... 

बहुत याद आती हो आप हर काम से पहले आप को 

याद करना और उन रातों की गई बात हमेशा याद आती है....

आप के बिना सब तन्हा तन्हा सा लगता है।


न कोई मित्र नहीं कोई अपना किसी से बात नहीं होती

अपना दुख दर्द बताने वाला कोई नहीं 

आप के जाने के बाद बड़ा अकेला अकेला लंगने लगा है

लोगो को हम बड़े rude लगने लगे है।


कुछ मित्र है पर उनसे भी अपने दर्द को नहीं बता सकते 

उनके साथ होते हैं तो थोड़ी मस्ती मजाक कर लेते है  

उन्हें के साथ अपनी बात बताना अच्छा नहीं लगता

पर क्या करे आप नही हो तो सब तन्हा तन्हा सा लगता है....


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