जन्मदिन
जन्मदिन
हम धीरे-धीरे पाश्चात्य सभ्यता को अपनाते जा रहे है,
उन्हीं की तरह हम हमेशा जन्मदिन मनाते हैं।
हिंदुस्तानी तरीके से तो हम जन्मदिन मनाना ही भूल गए हैं,
जन्मदिन के दिन उत्सव मनाते हैं जरूर अच्छा तो लगता है।
लेकिन एक बार तो सोचा होता,
एक एक दिन हमारी जिंदगी का कम हो रहा है।
इसलिए हमें उस दिन मंदिर में जाकर पूजा करके,
भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।
कि आज तक हमारी जिंदगी में इतनी
खुशियों के साथ सब कुछ सही हो रहा है,
तो आगे भी ऐसा ही होता रहे।
पर हम तो ना इधर के रहे ना उधर के रहे,
हम तो बीच में ही लटके हुए है।
इसलिए इंसान को कभी भी अपना दायरा छोड़कर,
दूसरे का दायरा नहीं अपनाना चाहिए,
हमें अपने ही संस्कार को अपनाना चाहिए।