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Nishchala Sharma

Inspirational

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Nishchala Sharma

Inspirational

कर्म फल चक्र

कर्म फल चक्र

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क्या है कर्म और क्या है

फल, क्या कोई जाने ?

कहते हैं सब कर्म कर मत सोच

क्या होगा फल, लेकिन सुन मेरे साथी


यह तो है निश्चित कि

हर कर्म का फल है

और हर फल का एक कर्म।


ये दोनों बने ही एक दूसरे

के लिए हैं, जैसे मैं और तुम।

कर्म के पीछे फल और उसके

पीछे उसका कर्म और फिर उसका फल।


हां ये चक्र है चल रहा अनवरत सतत,

अगर कहीं कर्म है तो

उसका फल होगा ज़रूर,

बस उनका साथ होना कोई शर्त नहीं।


जो कर्म है वही है फल,

और फल ही कर्म है, जैसे मैं और तुम।

मैं जो करू वो मेरा कर्म,

पर किसी का वो फल है

जिसका कर्म है भूत में कहीं।


मेरे इस कर्म का भी फल होगा

कहीं भविष्य में जिससे मैं हो जाऊंगी

रूबरू एक दिन जरूर।

ये चक्र चलता ही रहने वाला है,

यही मैंने जाना और इसीलिए

कहती हूं मैं कि सुन मेरे साथी,

बस इतना हम रखें याद कि


कर्म न हावी होने पाए हमारे मन पर,


न फल की सोच से डर जाए मेरा मन।

हम ना फंसे इस चक्र में कर्म और फल के

बस उस चक्र के जैसे बने रहें

एक दूसरे के लिए, एक दूसरे के।


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